UP Outsource Employee Good News: आउटसोर्स कर्मचारियों को सीएम योगी ने दिया तोहफा, सेवा निगम से समय पर वेतन

UP Outsource Employee Good News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आउटसोर्स कर्मचारियों के श्रम अधिकारों और सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने उप्र आउटसोर्स सेवा निगम (यूपीसीओएस) के गठन को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को उनके पारिश्रमिक और श्रम अधिकारों की रक्षा करना है। इस नई व्यवस्था के तहत, आउटसोर्स कर्मचारियों को साप्ताहिक और मासिक वेतन का भुगतान समय पर किया जाएगा, जो उनकी आर्थिक सुरक्षा को बेहतर बनाएगा। इसके साथ ही, कर्मचारियों को उचित कार्य स्थितियों और स्वास्थ्य एवं सामाजिक सुरक्षा के लाभ भी प्रदान किए जाएंगे, जिससे उनकी कार्यकुशलता और मनोबल में वृद्धि होगी। यह पहल प्रदेश में श्रम संतोष को बढ़ावा देने में सहायक साबित होगी। UP Outsource Employee Good News क्या है आइये इस लेख के माध्यम से जानते है।

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सीएम योगी आउटसोर्स कर्मचारियों को दिया तोहफा समय पर मिलेगा वेतन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लाखों आउटसोर्सिंग कर्मियों के श्रम अधिकारों, पारिश्रमिक, और सामाजिक सुरक्षा की रक्षा के लिए उप्र आउटसोर्स सेवाओं निगम (यूपीसीओएस) के गठन को स्वीकृति दी है। उन्होंने कहा कि यह निगम प्रशासनिक व्यवस्था में स्पष्टता लाने के साथ-साथ आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के जीवन में स्थिरता और विश्वास सुनिश्चित करेगा।

योगी ने बृहस्पतिवार को अपने निवास पर आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में प्रस्तावित निगम की कार्यप्रणाली, संरचना, और दायरे पर चर्चा के बाद कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों के श्रम, सम्मान, और अधिकारों की रक्षा के प्रति दृढ़ संकल्पित है। वर्तमान में आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन विकेंद्रीकृत विधि से होता है, जिससे समय पर वेतन नहीं मिलना, इसमें कटौती, ईपीएफ-ईएसआई लाभ से वंचित रहना, पारदर्शिता की कमी, और उत्पीड़न जैसी शिकायतें सुनने को मिलती हैं। इसमें व्यापक बदलाव आवश्यक है। प्रस्तावित निगम का गठन कंपनी एक्ट के अंतर्गत किया जाना चाहिए।

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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक निदेशक मंडल और एक महानिदेशक की नियुक्ति की जाए। मंडल और जिला स्तर पर भी समितियों का गठन किया जाए। एजेंसियों का चयन जेम पोर्टल के माध्यम से न्यूनतम 3 वर्षों के लिए किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि वर्तमान कार्यरत कर्मियों की सेवाएं बाधित न हों और चयन प्रक्रिया में उन्हें अनुभव के आधार पर प्राथमिकता मिले। सभी आउटसोर्सिंग कर्मियों का पारिश्रमिक हर माह की 5 तारीख तक उनके बैंक खाते में स्थानांतरित किया जाए। ईपीएफ और ईएसआई समय पर जमा हों। ईपीएफ, ईएसआईसी, और बैंकों से अनुमन्य सभी लाभ प्रदान किए जाएं।

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निगम को नियामक निकाय की भूमिका में रखा जाए, जो एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर ध्यान रखे और नियमों के उल्लंघन की स्थिति में ब्लैकलिस्टिंग, डिबारमेंट, दंड, और वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करे। निगम द्वारा की जाने वाली सभी नियुक्तियों में आरक्षण के प्रावधानों का पालन किया जाए। निराश्रित, तलाकशुदा, और परित्यक्ता महिलाओं को भी प्राथमिकता दी जाए। नियमित पदों के विरुद्ध कोई भी आउटसोर्सिंग सेवा नहीं ली जाए। चयन के पश्चात कोई भी कर्मी तब तक सेवा से मुक्त न किया जाए, जब तक संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की स्वीकृति न हो।

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