B.Ed की पढ़ाई कर रहे हजरों लाखों छात्रों के लिए बुरी खबर सामने आई है राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद एनसीटीई की पश्चिमी क्षेत्रीय समिति ने देश भर के 380 बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है फैसले का सीधा असर न सिर्फ शैक्षणिक संस्थानों पर पड़ा है बल्कि उन विद्यार्थियों पर भी पड़ा है जो शिक्षक बनने का सपना लेकर इन कॉलेज में दाखिला लिए हुए थे यह कार्रवाई सत्र 2025 26 से प्रभावी मानी जाएगी परिषद ने यह कठोर कदम उन संस्थाओं के खिलाफ उठाए हैं जो प्रतिवर्ष जमा की जाने वाली परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट (PAR) समय पर जमा करने में असफल रहे अब सवाल यह उठता है जिन छात्रों ने इन कॉलेज से B.Ed कर चुके हैं उनके पास क्या विकल्प होगा जानकारी आगे लेख में बताई जा रही है।
Bed Collage Band News: एनसीटीई के फैसले का किन राज्यों पर पड़ा सबसे अधिक असर
एनसीटीई की पश्चिमी क्षेत्रीय समिति के अंतर्गत आने वाले मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के सैकड़ो B.Ed कॉलेज इस फैसले की चपेट में आए हैं अकेले मध्य प्रदेश में ही दर्जनों कॉलेज की मान्यता रद्द की गई है जिन कॉलेजों ने लगातार नियमों की अवहेलना की और एनसीटीई द्वारा निर्धारित दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है।
पीएआर यानी परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट एनसीटीई द्वारा निर्धारित एक वार्षिक रिपोर्ट होती है जिसमें कॉलेज को अपनी शैक्षिक प्रशासनिक और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी जानकारी प्रस्तुत करनी होती है इसका मकसद संस्थाओं की गुणवत्ता और संचालन प्रक्रिया की निगरानी करना है जो संस्थान यह रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत नहीं करते उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान है।
मान्यता रद्द कॉलेजों से B.Ed करने वाले विद्यार्थियों के लिए आगे क्या विकल्प
मान्यता रद्द होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि इन कॉलेज में पढ़ रहे विद्यार्थियों का भविष्य का क्या होगा विशेषज्ञों के अनुसार परिषद ऐसे मामलों में छात्रों को राहत देने के लिए विकल्प व्यवस्था कर सकती है हालांकि अभी तक इस संबंध में एनसीटीई की ओर से कोई औपचारिक घोषणा नहीं करी गई है छात्रों को सलाह दी जाती है कि वह संबंधित विश्वविद्यालय और शिक्षा विभाग से संपर्क कर यह जाने की उनके लिए आगे की पढ़ाई का क्या विकल्प मौजूद है यदि कॉलेज ने मान्यता नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है तो भी स्थिति स्पष्ट होने तक सावधानी पूर्ण निर्णय।
शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता बढ़ाने को लेकर लिया गया फैसला
एनसीटीके की इस कार्रवाई को शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता और पारदर्शिता को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है बीते कुछ सालों में यह देखा गया है कि कहीं निजी संस्थान केवल बिजनेस लाभ के उद्देश्य से कम कर रहे हैं और शैक्षणिक गुणवत्ता के नाम पर छात्रों से समझौता किया जा रहा है इसलिए परिषद का यह निर्णय उन सभी संस्थाओं के लिए एक सख्त संदेश है जो नियमों की अनदेखी करते हुए शिक्षा के नाम पर समझौता कर रहे हैं।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा 308 B.Ed कॉलेज की मान्यता रद्द किया जाना शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है इससे भविष्य में अन्य संस्थाओं को भी नियमों का पालन करने की प्रेरणा मिलेगी छात्रों को भी अब कॉलेज चुनते समय अधिक जागरूक रहने की आवश्यकता है ताकि वह किसी अन्य गलत संस्थान का हिस्सा ना बने और शैक्षणिक भविष्य सुरक्षित रह सके।