
NTA NEET UG Good News : 2025 में नीत यूजी में बैठने वाले 22.09 लाख छात्रों में से केवल 12.36 लाख छात्रों ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास की है, जो मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश की दौड़ को और अधिक प्रतिस्पर्धात्मक बनाता है। एनएमसी के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देशभर में कुल 780 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें केवल 1,18,190 MBBS सीटें उपलब्ध हैं। बिहार में स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण है, जहाँ केवल 2995 MBBS सीटें उपलब्ध हैं, जिनमें से 1645 सरकारी हैं। राज्य के प्रमुख मेडिकल कॉलेज, एम्स पटना में सिर्फ 125 MBBS सीटें हैं। ऐसे में, जिन छात्रों के मार्क्स 350 के करीब हैं, उनके लिए यह जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि उन्हें किस कॉलेज में प्रवेश मिल सकता है। सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में प्रवेश के लिए कटऑफ और छात्रों की रैंकिंग महत्वपूर्ण हैं। इस परिप्रेक्ष्य में, बिहार के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में सीट आवंटन की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं।
जाने नीट में 350 मार्क्स वाले छात्रों को कहाँ मिल सकती है MBBS सीट
नीट यूजी परीक्षा में जिन उम्मीदवारों के मार्क्स 350 के आसपास हैं, उनकी ऑल इंडिया रैंक लगभग 2,90,000 से 3,70,000 के क्षेत्र में होती है। विशेषज्ञों के अनुसार, जिन अभ्यर्थियों ने नीट 2025 में 350 मार्क्स हासिल किए हैं, उन्हें 15 प्रतिशत ऑल इंडिया कोटे से सरकारी मेडिकल कॉलेज में स्थान प्राप्त करने की संभावना नहीं है। हालाँकि, 85 प्रतिशत स्टेट कोटा काउंसलिंग के माध्यम से सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सीट पाने के लिए कुछ संभावनाएँ अवश्य मौजूद हैं।
जिन छात्रों ने नीट 2025 में 350 अंक या इसके समीप अंक प्राप्त किए हैं, वे ब्यवस्थापन कोटे के तहत विभिन्न निजी या डीम्ड विश्वविद्यालयों में एमबीबीएस, बीडीएस और आयुष पाठ्यक्रमों में दाखिला ले सकते हैं।
नीट में 350 के करीब अंक प्राप्त करने पर रैंक
मार्क्स रैंक
- 360 290000
- 348 320489
- 328 369201
- 325 377514
विशेषज्ञों के मुताबिक, नीट 2025 में 350 अंकों के साथ कहां दाखिले की संभावना संभावित है। पिछले वर्षों के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि सामान्य और ओबीसी श्रेणी के छात्रों के लिए इतने कम मार्क्स के साथ सरकारी कॉलेजों में प्रवेश प्राप्त करना लगभग असंभव है। लेकिन, उन छात्रों को निजी मेडिकल कॉलेजों में दाखिला मिल सकता है।
मेडिकल कॉलेज और उनकी क्लोजिंग रैंक
- राजा राजेश्वरी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, बेंगलुरु: 374370
- श्री सिद्धार्थ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और रिसर्च सेंटर: 365036
- येनेपोया मेडिकल कॉलेज, मैंगलौर 352756
- डॉ. डी वाई पाटिल मेडिकल कॉलेज, कोल्हापुर: 345660
- महर्षि मरकंदेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस और रिसर्च: 343403
- अमृता स्कूल ऑफ मेडिसिन, कोच्चि: 334961
- श्री रामचंद्र मेडिकल कॉलेज और रिसर्च इंस्टीट्यूट, चेन्नई: 313535
- भारती विद्यापीठ डीम्ड यूनिवर्सिटी मेडिकल कॉलेज, पुणे: 299733
- श्री सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज, तुमकुर: 293210
- अमृता स्कूल ऑफ मेडिसिन, फरीदाबाद: 286837
यदि उम्मीदवारों को निजी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करना संभव नहीं लगता है, तो वे हेल्थकेयर क्षेत्र में कई अच्छे विकल्पों की खोज कर सकते हैं। बीडीएस, बीएएमएस, बीयूएमएस, बीएससी नर्सिंग और बीवीएससी जैसे पाठ्यक्रम बेहतर विकल्प हैं। इन कार्यक्रमों में प्रवेश नीट यूजी स्कोर के माध्यम से दिया जाता है। उम्मीदवार आसानी से नीट 2025 में 350 अंकों के साथ अच्छे कॉलेज में इन पाठ्यक्रमों के लिए सीट पक्की कर सकते हैं। अस्पतालों और क्लीनिकों में प्रशिक्षित पेशेवरों की बढ़ती आवश्यकता के कारण इन वैकल्पिक मेडिकल कोर्सेज की मांग बढ़ रही है।