मध्यप्रदेश आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर होंगे स्थायी आरक्षण मिलेगा का लाभ – MP Outsource Employees

MP Outsource Employees आउटसोर्स कर्मचारी को लेकर मध्य प्रदेश से एक बड़ी खबर सामने आ रही है लंबे समय से ठेका पद्धति पर काम कर रहे कर्मचारियों के लिए राहत की उम्मीद जगी है अब इन कर्मचारियों को स्थाई करने की मांग जोर पड़ रही है और इसके साथ-साथ आरक्षण का लाभ देने की पहल की जा रही है हाल ही में ग्वालियर शहर में महापौर डॉक्टर शोभा सिकरवार ने आउटसोर्स एजेंसी द्वारा श्रमिकों को कम वेतन दिए जाने की शिकायत पर एक बड़ा कदम उठाया है उन्होंने नगर निगम आयुक्त संग प्रिय को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देने को कहा है पत्र में एजेंसी द्वारा श्रमिकों को दिए जा रहा वेतन की जांच और एजेंसी की कार्य प्रणाली की समीक्षा के निर्देश दिए गए हैं MP Outsource Employees को लेकर ताजा अपडेट क्या है आगे लेख में बताई जा रही है।

मध्यप्रदेश आउटसोर्स कर्मचारियों होंगे स्थायी मिलेगा आरक्षण का लाभ

इसी कड़ी में अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ ने भी अपनी सक्रियता दिखाइ है संगठन के सदस्यों ने प्रदेश के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट को एक ज्ञापन दिया है इसमें उन्होंने कई महत्वपूर्ण मांगे रखी है प्रमुख रूप से आउटसोर्स कर्मचारी को स्थाई करने और उन्हें आरक्षण का लाभ देने की बात कही गई है इंजीनियर सूर्यवंशी ने जानकारी देते हुए बताया कि संगठन की ओर से ग्वालियर स्थित है अजाक्स कार्यालय पर आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए निशुल्क कोचिंग चलाई जा रही है उन्हें शासन से इस कोचिंग के लिए एक पुस्तकालय निर्माण की मांग रखी है जिससे अधिक से अधिक छात्रों को लाभ मिल सके।

ज्ञापन में रखी गई यह प्रमुख मांगे

ठेका पद्धति में काम कर रहा है कर्मचारियों को स्थाई किया जाए विषम परिस्थितियों में अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग को आरक्षण का लाभ दिया जाए आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए संचालित निशुल्क कोचिंग में शासन द्वारा लाइब्रेरी की व्यवस्था करवाई जाए इस मौके पर जिला अध्यक्ष विजय पीपरोलिया वरिष्ठ उपाध्यक्ष एनडी मौर्य कार्यवाहक जिला अध्यक्ष अतर सिंह उपाध्यक्ष वीरेंद्र जयंत कोषाध्यक्ष मनीराम कटोरिया जिला सचिव राजेंद्र पक्षवार संयुक्त सचिव बलवीर अटल प्रदीप पलिया और रमेश सोलंकी उपस्थित रहे।

आउटसोर्सिंग प्रणाली में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए यह एक बढ़िया संकेत है यदि शासन इन मांगों पर गंभीरता से विचार करता है तो हजारों कर्मचारियों को न सिर्फ स्थायित्व मिलेगा बल्कि उन्हें आरक्षण जैसी सामाजिक सुरक्षा का लाभ भी प्राप्त होगा आने वाले समय में यह फैसला प्रदेश के सामाजिक और प्रशासनिक ढांचे के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।

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