MP Government Pension Rules News: मध्य प्रदेश में पेंशन के नियम में बदलाव, अब इन लोगों को भी पेंशन का लाभ

MP Government Pension Rules News मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार लगातार राज्य के नागरिकों और कर्मचारियों के हित में बड़े फैसले ले रही है। हाल ही में सरकारी कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में समानता लाने के निर्णय के बाद अब सरकार ने पेंशन नियमों में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर ली है। इस बदलाव से हजारों परिवारों को राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है।

राज्य के वित्त विभाग द्वारा पेंशन नियमों में संशोधन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। नई नीति के तहत, अब वे लाभार्थी भी पारिवारिक पेंशन के हकदार होंगे जो अब तक इस योजना से वंचित थे। पेंशन नियमों में यह बदलाव खास तौर पर महिलाओं और बेटियों के हित में किया जा रहा है। आइये जानते हैं पूरी खबर क्या है लेकिन इससे पहले हमारे व्हाट्सएप्प ग्रुप को जॉइन कर लीजिए ताकि एमपी को सभी अपडेट बिना रुके मिलती रहें।

क्या हैं नए नियमों की खास बातें?

संशोधित पेंशन नियमों के अनुसार अब यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी अविवाहित बेटी, जिसकी उम्र 25 वर्ष से अधिक है, वह भी पारिवारिक पेंशन पाने की हकदार होगी। पहले इस लाभ की सीमा 25 वर्ष तक की थी, जिससे बड़ी उम्र की बेटियां वंचित रह जाती थीं।

इसके अलावा, पति द्वारा परित्यक्त महिलाएं (त्यागी गई महिलाएं) और विधवाएं भी अब पारिवारिक पेंशन की पात्र होंगी। यह निर्णय महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

कब से लागू होंगे नए नियम?

वित्त विभाग के अनुसार, संशोधित पेंशन नियमों का ड्राफ्ट लगभग तैयार हो चुका है और जल्द ही इसे अंतिम मंजूरी दी जाएगी। सरकार की योजना है कि जून-जुलाई 2025 से यह नया नियम प्रभावी कर दिया जाए।

सरकार का उद्देश्य और लाभार्थियों को राहत

राज्य सरकार का मानना है कि यह संशोधन उन लोगों के लिए राहत लेकर आएगा जो अब तक सिस्टम की बंदिशों की वजह से मदद से वंचित थे। विशेषकर उन बेटियों और महिलाओं को, जो आश्रित होते हुए भी पेंशन से वंचित रह जाती थीं।

वित्त विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि, “हमारे पास ऐसी कई शिकायतें और अनुरोध आए थे, जिसमें अविवाहित और आर्थिक रूप से निर्भर बेटियां पेंशन से वंचित थीं। नई नीति से उन सभी को राहत मिलेगी।”

निष्कर्ष

मध्य प्रदेश सरकार का यह कदम निश्चित रूप से समाज के कमजोर वर्गों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा। खास तौर पर महिलाओं के लिए यह निर्णय काफी लाभकारी साबित होगा। आने वाले महीनों में जब ये नियम औपचारिक रूप से लागू होंगे, तब हजारों परिवारों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।

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