MBBS Education Loan : भारत में एमबीबीएस करने की लागत सरकारी और निजी कॉलेजों के बीच काफी भिन्नता है। सरकारी कॉलेजों में फीस आमतौर पर 5 से 10 लाख रुपये होती है, जबकि निजी कॉलेजों में यह 30 से 60 लाख रुपये तक जा सकती है। कुछ प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में ये फीस और भी अधिक हो सकती है, जो छात्रों के लिए आर्थिक दबाव बढ़ा सकती है। इस वित्तीय बोझ को कम करने के लिए, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) जैसे सरकारी बैंक भारत में 30 लाख रुपये और विदेश में 1.5 करोड़ रुपये तक का अध्ययन ऋण प्रदान करते हैं। इसी तरह, आईसीआईसीआई बैंक 1 करोड़ रुपये तक का लोन भारत में और 3 करोड़ रुपये तक विदेश में छात्रों को समर्थन देने के लिए उपलब्ध कराता है। ऋण के लिए पात्रता मानदंड भी महत्वपूर्ण हैं, जो प्रत्येक बैंक के अनुसार भिन्न होते हैं, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि अधिकतम छात्रों को इस अवसर का लाभ मिल सके। आइये जानते हैं MBBS के लिए लोन कहाँ से ले सकते हैं और इसकी पात्रता क्या हैं।
एमबीबीएस के लिए शिक्षा ऋण: किसे मिल सकता है?
अगर आप एमबीबीएस कोर्स करने के लिए शिक्षा ऋण लेना चाहते हैं, तो इसकी पात्रता को समझना बेहद जरूरी है। सबसे पहले, आवेदक का भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है। इसके अलावा, उनकी आयु 16 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए। एक मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज से प्रवेश पत्र भी आवश्यक है। सह-आवेदक, जैसे माता-पिता या अभिभावक का होना और एक मजबूत शैक्षणिक रिकॉर्ड भी महत्वपूर्ण है।
कर्ज की राशि
आम तौर पर, 7.5 लाख रुपये तक का ऋण बिना किसी संपार्श्विक के मिल सकता है। लेकिन यदि आप इससे अधिक का ऋण लेते हैं, तो बैंक संपार्श्विक या गारंटर की मांग कर सकते हैं।
एमबीबीएस के लिए शिक्षा ऋण कहां से लें?
शिक्षा ऋण के लिए भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, और पंजाब नेशनल बैंक जैसे सरकारी बैंकों के पास जाना एक अच्छा विकल्प है। इनकी ब्याज दरें निजी बैंकों की तुलना में कम होती हैं (8.20% से 10.1% तक) जबकि निजी बैंकों में यह दर 9.55% से लेकर 16% तक होती है।
अगर आप जल्दी ऋण प्राप्त करना चाहते हैं, तो Propelld और Finnable जैसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां भी अच्छे विकल्प हो सकते हैं, हालांकि इनकी ब्याज दरें अधिक होती हैं (16% से 26% तक)। आप विद्या लक्ष्मी पोर्टल (vidyalakshmi.co.in) पर जाकर विभिन्न बैंकों की योजनाओं की तुलना कर सकते हैं और सही विकल्प चुन सकते हैं।
सरकारी योजनाएं और व्यावहारिक बातें
कुछ सरकारी योजनाएं, जैसे सेंट्रल सेक्टर इंटरेस्ट सब्सिडी (CSIS), आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (वर्ष की आय 4.5 लाख रुपये तक) के एमबीबीएस उम्मीदवारों के लिए ब्याज सब्सिडी प्रदान करती हैं।
ऋण लेने से पहले, ब्याज दर, उसे चुकाने की अवधि (जो 15 वर्ष तक हो सकती है) और संपार्श्विक आवश्यकताओं की तुलना अवश्य करें। सुनिश्चित करें कि आपकी कर्ज की EMI आपकी भविष्य की सैलरी के अनुसार हो। एमबीबीएस कोर्स पूरा करने के बाद डॉक्टरों की औसत आय 6 से 15 लाख रुपये सालाना हो सकती है।
साथ ही, सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना न भूलें, जैसे CSIS या राज्य स्तर की सब्सिडीज। अंत में, ऋण डॉक्यूमेंट्स जैसे आय प्रमाण, प्रवेश पत्र और संपार्श्विक के दस्तावेज पहले से तैयार रखें, ताकि आवेदन प्रक्रिया में कोई दिक्कत न आए।