MBBS Collage News: यह मेडिकल कॉलेज उत्तर प्रदेश के बनारस स्तिथ बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में स्थित है बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में शामिल है जिसे उसकी किफायती फीस और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के लिए पहचाना जाता है बीएचयू के इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज में एमबीबीएस कोर्स में दाखिला नीट यूजी के स्कोर के आधार पर किया जाता है बीएचयू में एमबीबीएस के लिए कुल 100 सीटें मौजूद है जिनमें से कई सीटें विभिन्न श्रेणियों के लिए आरक्षित रहती है इनमें से चार सीटें विदेशी नागरिकों के लिए नियोजित होती है यहां एमबीबीएस की पढ़ाई की फीस निजी मेडिकल कॉलेज के मुकाबले काफी कम पड़ती है लेकिन इसमें प्रवेश पाना आसान नहीं होता अब सवाल यह उठता है कि बीएचयू में दाखिला कैसे प्राप्त किया जा सकता है।
जाने बीएचयू एडमिशन प्रक्रिया नीट स्कोर के आधार पर होगा चयन
बीएचयू में एमबीबीएस में प्रवेश नीत यूजी 2025 के स्कोर और मेडिकल काउंसलिंग कमिटी द्वारा संचालित काउंसलिंग प्रक्रिया पर आधारित रहता है सर्वप्रथम उम्मीदवारों को नीत यूजी की परीक्षा देनी पड़ती है इसके लिए उन्हें neet.nta.nic.in पर रजिस्ट्रेशन करना होता है नीट परीक्षा में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी को भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान और अंग्रेजी विषयों के साथ 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करनी चाहिए सामान्य श्रेणी के लिए न्यूनतम 50% और ओबीसी, एससी, एसटी के लिए 40% अंक आवश्यक होते हैं उम्मीदवार की आयु 31 दिसंबर 2025 तक कम से कम 17 वर्ष होनी चाहिए।
नीट यूजी 2025 में न्यूनतम कट ऑफ अंक प्राप्त करना जरूरी होता है रिजल्ट घोषित होने के बाद उम्मीदवारों को mcc.nic.in पर एमसीसी काउंसलिंग के लिए नामांकन करना होता है इस काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों को बीएचयू को अपनी प्राथमिकता के रूप में चुनना होता है सीटों का विवरण एमसीसी द्वारा नीट स्कोर श्रेणी और सीट की उपलब्धता के अनुसार किया जाता है सीट मिलने के पास छात्र उम्मीदवारों को बीएचयू में दस्तावेज सत्यापन और फीस जमा करनी होती है आवश्यक दस्तावेजों में नीट, स्कोर कार्ड, 12वीं की मार्कशीट, श्रेणी प्रमाण पत्र और एक वैध पहचान पत्र शामिल होते हैं।
बीएचयू ऐडमिशन के लिए कितना होता है कट ऑफ
बीएचयू में एमबीबीएस में प्रवेश के लिए नीट की कट ऑफ रैंक और स्कोर हर साल सीटों की संख्या और परीक्षा की कठिनाई स्तर के अनुसार बदलते रहते हैं पिछले पांच वर्षों का विश्लेषण देखा जाए तो सामान्य श्रेणी के अंतिम राउंड की समाप्ति रैंक कुछ इस प्रकार रही है।
- 2024 में 1098 रैंक स्कोर 650 प्लस
- 2023 में 1084 रैंक स्कोर 650 प्लस
- 2022 में 866 रैंक स्कोर 660 प्लस
- 2021 में 900 रैंक स्कोर 660 प्लस
- 2020 में 858 रैंक स्कोर 665 प्लस
2024 में ओबीसी के लिए कट ऑफ रैंक 1500 से 2000, एससी के लिए 20000 से 25000 और एसटी के लिए 50000 से 60000 के बीच दर्ज की गई थी 2025 में सामान्य श्रेणी के लिए संभावित कट ऑफ लगभग 1112 रैंक और 650 प्लस अंक हो सकती है हालांकि इसकी पुष्टि रिजल्ट के बाद ही की जा सकेगी ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के लिए कट ऑफ सामान्य श्रेणी से कम होती है।
जाने कितना खर्च होता है बीएचयू में एमबीबीएस
बीएचयू से एमबीबीएस की पढ़ाई कुल 5.5 वर्षों की होती है जिसमें 4.5 वर्ष की पढ़ाई और 1 वर्ष की इंटर्नशिप शामिल होती है पहले वर्ष की ट्यूशन फीस 6000 से ₹10000 विश्वविद्यालय शुल्क 2000 से ₹4000 हॉस्टल शुल्क 2000 से ₹5000 और मेस का खर्च 15000 से ₹25000 लगता है साथी एकमुश्त शुल्क जैसे एडमिशन फीस, सिक्योरिटी डिपाजिट 6000 से ₹12000 तक हो सकता है कुल मिलाकर पहले वर्ष का खर्चा 31000 से 56000 रुपए के बीच बैठता है।
दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें वर्ष में हर साल ट्यूशन फीस 6000 से ₹10000 विश्वविद्यालय शुल्क 2000 से ₹4000 हॉस्टल शुल्क 2000 से ₹5000 और मेस खर्च 15000 से ₹25000 होता है इन चार वर्षो में कुल खर्च 1 लाख से 176000 रुपए के बीच आता है।
इंटर्नशिप के दौरान ट्यूशन फीस नहीं लगती लेकिन हॉस्टल और मेस खर्च 8500 रुपए से ₹15000 तक हो सकता है संपूर्ण 5.5 वर्ष की पढ़ाई में कुल खर्च लगभग 139500 से 247000 रुपए के बीच निर्धारित होता है औसतन यह लागत 150000 से ₹200000 मानी जाती है जबकि न्यूनतम 134000 और अधिकतम 247000 तक जा सकती है आर्थिक रूप से कमजोर भर के विद्यार्थियों के लिए बीएचयू द्वारा छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है जिससे उनकी ट्यूशन फीस और हॉस्टल खर्च कम किया जा सकता है।