
Education Loan : आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन होनहार छात्रों के लिए शिक्षा लोन एक सुनहरा अवसर है, जिससे वे अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। हाल ही में, वित्त मंत्रालय ने शिक्षा लोन से संबंधित एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसका सीधा लाभ उन छात्रों को होगा, जो उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर हैं। यह निर्णय न केवल आर्थिक रूप से वंचित छात्रों को आर्थिक सहायता प्रदान करेगा, बल्कि उनकी शिक्षा के स्तर को भी ऊंचा उठाने में मदद करेगा। ऐसे लोन के माध्यम से छात्र प्रीमियम कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दाखिला ले सकते हैं, जिससे उनके कैरियर की संभावनाएं बढ़ेंगी। यह कदम देश में शिक्षा के क्षेत्र में समानता लाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। इस पहल से छात्रों को वित्तीय बोझ कम करने में सहायता मिलेगी और वे अपने शैक्षणिक लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सकेंगे, जो कि समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। आइये शिक्षा लोन को लेकर खुशखबरी क्या है इस लेख के माध्यम से जाने।
कमजोर वर्ग के मगर होनहार छात्रों के लिए वित्त मंत्रालय से सकारात्मक समाचार आयी है। फाइनेंस मिनिस्ट्री ने सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) को शिक्षा ऋण (Education Loan) की प्रक्रिया में तेजी लाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, मंत्रालय ने बैंकों को केंद्रीकृत क्रेडिट प्रोसेसिंग सिस्टम स्थापित करने के लिए भी प्रेरित किया है। इससे पहले सरकार ने लोन वितरण में देरी के विषय पर चिंता व्यक्त की थी। सरकार के आदेश के बाद बैंक विद्या लक्ष्मी पोर्टल से भी तेजी से जुड़ रहे हैं।
सरकार के आदेश पर 15 दिन में मिलेगा लोन
वित्त मंत्रालय के आदेश के बाद बैंक एजुकेशन लोन की प्रक्रिया में तेजी लाते जा रहे हैं। सरकार ने पीएसबी को 15 दिन में शिक्षा ऋण की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है, जिसके लिए वर्तमान में छात्रों को एक महीने तक का इंतजार करना पड़ता है। मंत्रालय के निर्देश के अनुसार, किसी कारणवश लोन खारिज या वापस होने पर उसे वरिष्ठ अधिकारी द्वारा ही स्वीकृत किया जा सकता है। साथ ही, इसकी स्पष्ट जानकारी आवेदक से भी साझा की जानी आवश्यक है।
लोन देने में कमी आई
बीते दो वित्तीय वर्षों में एजुकेशन लोन के आवेदन में 14.5% की कमी आई है, जबकि लोन के रूप में आवंटित राशि में 13% की कमी आई है। वित्त वर्ष 2022-23 में 7,36,580 छात्रों ने एजुकेशन लोन के लिए आवेदन किया था और 28,699 करोड़ रुपये लोन के रूप में वितरित किए गए थे। वहीं, वित्त वर्ष 2023-24 में यह घटकर 6,29,594 रह गया। इस वर्ष 24,997 करोड़ रुपये एजुकेशन लोन के तौर पर दिए गए हैं।
एजुकेशन लोन पर 7 से 16% है ब्याज दर
देश में वर्तमान में प्राइवेट और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 7 से 16% ब्याज दर पर शिक्षा ऋण प्रदान कर रहे हैं। जबकि ग्रामीण बैंकों में यह 8.50 से 13.60% है। अपने देश में अध्ययन करने पर जहां 50 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन मिलता है, वहीं विदेश में कोर्स करने पर 1 करोड़ रुपये तक की राशि बतौर ऋण प्राप्त होती है। यह लोन यूजी, पीजी, प्रोफेशनल, डिप्लोमा और कौशल आधारित कोर्सों के लिए लिया जा सकता है। इसे 15 साल की अवधि में चुकाना संभव है। इसके ब्याज पर आयकर में धारा 80E के तहत 8 साल तक छूट प्राप्त होती है। इसके अलावा, बड़ी राशि के लोन के लिए संपार्श्विक सुरक्षा अनिवार्य होती है। एजुकेशन लोन की मोरेटोरियम अवधि कोर्स पूरा होने के बाद 6 महीने से 1 साल तक होती है।
विद्या लक्ष्मी पोर्टल से आसान हुई प्रक्रिया
सरकार का विद्या लक्ष्मी पोर्टल एक सिंगल विंडो पोर्टल है, जो एजुकेशन लोन की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बना रहा है। इस पर छात्र विभिन्न बैंकों के एजुकेशन लोन के बारे में एक ही स्थान पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, उसकी तुलना कर सकते हैं और आवेदन भी कर सकते हैं। यह डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज, डिपार्टमेंट ऑफ हायर एजुकेशन और इंडियन बैंक द्वारा तैयार किया गया है और एनएसडीएल-ईगॉव द्वारा संचालित किया जाता है।