DU Graduation Course News : दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत ग्रेजुएशन कोर्स की अवधि को चार साल से घटाकर तीन साल किया जा रहा है। इस बदलाव के साथ एक डिग्री डिप्लोमा का विकल्प भी दिया गया है। DU ने छात्रों को सलाह दी है कि वे इस महत्वपूर्ण निर्णय को लेने से पहले अपने भविष्य के शैक्षणिक और करियर लक्ष्यों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करें। छात्रों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे अपने शिक्षकों और मार्गदर्शकों से सलाह लें, ताकि उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन मिल सके और वे अपने भविष्य की योजनाओं में सक्षम निर्णय ले सकें। यह कदम छात्रों के लिए अवसर और चुनौतियों दोनों के साथ आएगा। DU Graduation Course में संशोधन को लेकर ताजा अपडेट क्या आइये जानते हैं।
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दिल्ली विश्वविद्यालय ने चार वर्षीय ग्रेजुएशन प्रोग्राम (FYUP) में दाखिला लेने वाले छात्रों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए उन्हें तीन साल बाद ही डिग्री प्राप्त करके कोर्स से बाहर निकलने की अनुमति दे दी है। इस संबंध में गुरुवार को जारी आधिकारिक सूचना में उल्लेख किया गया कि जिन छात्र-छात्राओं ने यूजी करिकुलम फ्रेमवर्क 2022 के अंतर्गत छह सेमेस्टर (तीन साल) सफलता से पूरे कर लिए हैं, वे तीन वर्षीय डिग्री लेकर कोर्स से बाहर निकलने के लिए पात्र हैं। डीयू के इस निर्णय को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को लागू करने के दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
सामान्यतः किसी भी कोर्स के लिए एक सामान्य डिग्री या सिंगल-कोर विषयों के लिए ऑनर्स डिग्री तीन साल की ही होती है। डीयू की तरफ से इस संदर्भ में जारी सूचना में लिखा है, ‘उपरोक्त विकल्प का लाभ लेने के इच्छुक छात्र विश्वविद्यालय के छात्र पोर्टल https:lc.uod.ac.in पर लॉग इन कर सकते हैं और निर्धारित ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से अपनी इच्छा व्यक्त कर सकते हैं।’
सूचना में छात्रों को सलाह भी दी गई कि वे अपने शैक्षणिक और करियर लक्ष्यों का संवेदनशीलता से मूल्यांकन करते हुए समय से पहले स्कूल छोड़ने का विकल्प चुनने से पहले शिक्षकों और मार्गदर्शकों की सलाह अवश्य लें। यह कदम एक ऐसे समय में उठाया गया है जब दिल्ली विश्वविद्यालय इस अगस्त में FYUP के चौथे और अंतिम वर्ष को आरंभ करने की तैयारी कर रहा है।
NEP 2020 के तहत आरंभ किया गया FYUP ग्रेजुएशन, पाठ्यक्रमों को तीन से चार साल तक विस्तारित करता है और कई बार प्रवेश और निकास विकल्प प्रदान करता है, जिससे छात्रों को क्रमशः एक, दो या तीन साल पूरा करने के बाद प्रमाण पत्र, डिप्लोमा या डिग्री प्राप्त करने की अनुमति मिल जाती है। चौथा साल शोध (रिसर्च) में विशेषता का विकल्प उपलब्ध कराता है।
जबकि नई संरचना का अभिप्राय छात्रों को लचीलापन मुहैया कराना और अकादमिक जुड़ाव को गहराई प्रदान करना है, इसने बुनियादी ढांचे की कमी, अधूरे पाठ्यक्रम तथा कॉलेजों और संकायों के बीच तैयारी की कमी को लेकर चिंताएं भी उत्पन्न की हैं। जिसके बाद कुलपति योगेश सिंह ने मई में पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि, ‘सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा। यह पहली बार है जब अनुसंधान, उद्यमिता और कौशल पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है… यह चौथा वर्ष एक गेम चेंजर होगा।’
उन्होंने कहा था, जैसे-जैसे विश्वविद्यालय परिवर्तन के साथ आगे बढ़ता है, नवीनतम निकास विकल्प सूचना से छात्रों को उच्च शिक्षा के विकसित ढांचे के अंतर्गत अपने शैक्षणिक पथ को नेविगेट करने में अधिक स्वायत्तता और स्पष्टता मिलने की आशा है।
इससे पूर्व 1 जुलाई को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने उन छात्रों को एक विशेष अवसर देने की घोषणा की थी, जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उत्पन्न स्थिति के कारण मई में अपनी सेमेस्टर परीक्षाएं देने से अक्षम रह गए थे। परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर गुरप्रीत सिंह टूटेजा ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2024–25 में स्नातक और स्नातकोत्तर के प्रभावित छात्रों के लिए विशेष प्रावधान किए हैं, जो 13, 14 और 15 मई को अपनी परीक्षाएं देने से चूक गए थे।
इस विषय में विश्वविद्यालय ने एक सूचना में कहा था, ‘शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए स्नातक और स्नातकोत्तर के सभी संबंधित छात्रों को सूचित किया जाता है कि परीक्षा के लिए लिंक पर गूगल फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि बृहस्पतिवार 10 जुलाई को रात 11.59 बजे तक है।’