CBSE New Rules: सीबीएसई के माध्यम से नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है यह बदलाव 11वीं क्लास के स्टूडेंट के मैथ पढ़ने के नियम में किया गया है जो कि उन सभी छात्रों के लिए बड़ी राहत होने वाली है जो आगे मेडिकल या इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते हैं और इन क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहते हैं इस संबंध में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है जिसमें 11वीं में मैथ्य पढ़ने के नियमों की जानकारी दी गई है नए नियम से उन छात्रों को लाभ होने वाला है जो दसवीं में बेसिक गणित पढ़कर भी 11वीं में गणित की पढ़ने की इच्छा रखते हैं।
जाने क्या सीबीआई का गणित को लेकर नया नियम
सीबीएसई की ओर से जारी ताजा नोटिफिकेशन के अनुसार जो छात्र दसवीं में बेसिक गणित से पढ़े हैं वे अब 11वीं कक्षा में स्टैंडर्ड गणित का चुनाव कर सकते हैं बता दे पहले यह सुविधा केवल ऐसे छात्र को मिलती थी जो दसवीं में स्टैंडर्ड गणित लिए थे क्योंकि यह कोर्स उन लोगों के लिए ही बनाया गया था जो की 12वीं में भी गणित को जारी रखना चाहते हैं लेकिन अब बोर्ड के माध्यम से नियमों में बदलाव कर दिया गया है ताकि अधिक से अधिक छात्रों को आगे गणित लेने का मौका मिले हालांकि स्कूलों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि बेसिक गणित से स्टैंडर्ड गणित पढ़ने वाले छात्रों में इसे पढ़ने लायक योग्यता और रुचि होना जरूरी होगा इसके जांच लिए स्कूलों के प्रिंसिपल को छात्रों की क्षमता का आकलन करने की जिम्मेदारी दी गई है।
स्टैंडर्ड गणित चुनने के लिए छात्र को क्या करना होगा
अगर कोई छात्र 11वीं कक्षा में स्टैंडर्ड गणित लेना चाहता है तो इसके लिए वह अपने स्कूल के प्रिंसिपल या गणित के शिक्षक से संपर्क कर सकता है वह आपकी गणित में क्षमता का आकलन करेंगे और इस संबंध में स्थाई दिशा निर्देश प्रदान करेंगे अधिक जानकारी के लिए छात्र सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध ताज नोटिफिकेशन और सिलेबस डाउनलोड कर सकते हैं और उसे पढ़ सकते हैं यह फैसला उन छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है जो दसवीं में बेसिक गणित इसलिए चुनते थे क्योंकि उन्हें स्टैंडर्ड गणित काफी मुश्किल लगता था।
लेकिन अब यदि कोई छात्र इंजीनियरिंग, डेटा साइंस या अन्य गणित पर आधार विषय में कैरियर बनाना चाहता है तो यह नियम छात्रों के लिए एक आसान रास्ता होगा लेकिन सीबीएसई ने नियम को लेकर साफ जानकारी दी है की एक बार 11वीं में स्टैंडर्ड गणित लेने के बाद चेंज करना काफी मुश्किल होगा छात्रों को फैसला सोच समझ कर लेना होगा नए नियम को लेकर स्कूलों को भी सलाह प्रदान की गई है की छात्रों का गणित एबिलिटी टेस्ट या काउंसलिंग के जरिए सुनिश्चित करें की छात्रा नए विषय को पढ़ने के लिए योग्य है या नहीं।