MP News : मध्य प्रदेश से खबर है कि अब सरकारी स्कूलों में अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी हो रही है। आगामी शिक्षा सत्र से शिक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन पद्धति द्वारा दर्ज की जाएगी। सार्थक पोर्टल के जरिए ई-अटेंडेंस ली जाएगी, जिसमें अब अंगूठे की बजाय चेहरे को स्कैन करना अनिवार्य होगा। जिले के लगभग 9000 शासकीय शिक्षकों की उपस्थिति इसी पोर्टल से दर्ज की जाएगी।
पिछले समय में शिक्षकों द्वारा गैरहाजिर रहने के बावजूद रजिस्टर में आकर हस्ताक्षर कर खुद को उपस्थित दिखाने की प्रवृत्ति पर लगाम लगाने के लिए यह नई व्यवस्था लागू की जा रही ह। लोक शिक्षण संचनालय ने सभी शिक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे सार्थक एप के जरिए अपनी उपस्थिति दर्ज करें। जैसे ही शिक्षक स्कूल पहुँचेंगे, उन्हें अपने चेहरे की पहचान कर उपस्थिति दर्ज करानी होगी। एप में जीपीएस फीचर जुड़ा हुआ है, जो लोकेशन को ट्रेस करेगा, इसलिए केवल स्कूल की लोकेशन से ही उपस्थिति मान्य मानी जाएगी।
पहले एम शिक्षा मित्र एप के माध्यम से उपस्थिति ली जाती थी, लेकिन अब इसे अपडेटेड वर्जन के साथ सार्थक एप से बदल दिया जाएगा। हालांकि, शिक्षकों ने पहले भी दोनों एप्स के उपयोग का विरोध किया था। विभाग का कहना है कि यह नया सिस्टम विभागीय कार्यप्रणाली सुधारने के उद्देश्य से तैयार किया गया है, जिसका पालन सभी शिक्षकों के लिए अनिवार्य होगा।
सार्थक एप के माध्यम से ई-अटेंडेंस की नई प्रक्रिया
सार्थक एप के जरिए लागू होने वाली ई-अटेंडेंस की प्रक्रिया में कई सुधार किए गए हैं। एम शिक्षा मित्र के विपरीत, सार्थक एप में लाइव लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम जुड़ा हुआ है, जिससे शिक्षक कहीं भी बैठकर उपस्थिति नहीं लगा सकेंगे। साथ ही अब अंगूठे की बजाय चेहरे की स्कैनिंग अनिवार्य होगी। चेहरे की पहचान के बाद ही उपस्थिति मान्य मानी जाएगी।
इस नए नियम के उल्लंघन पर संबंधित शिक्षक के वेतन में कटौती की सख्त चेतावनी भी जारी की गई है। खास बात यह है कि यदि शिक्षक के मोबाइल में इंटरनेट या नेटवर्क की समस्या हो, तब भी यह एप काम करता रहेगा। जिले के सभी छह ब्लॉकों में कार्यरत 9000 से अधिक शिक्षकों पर यह व्यवस्था लागू रहेगी।
एपीसी प्रवीण सक्सेना ने बताया कि जून महीने में आयोजित प्रशिक्षण के दौरान इस नई प्रणाली का परीक्षण किया जाएगा। इस ट्रायल के दौरान भी शिक्षकों से फेस स्कैन के जरिए उपस्थिति दर्ज करने को कहा जाएगा। सफल परीक्षण के बाद यह प्रणाली 1 जुलाई से नए शैक्षणिक सत्र में अनिवार्य हो जाएगी। प्रशिक्षण के दौरान अनुपस्थित रहने या उपस्थिति दर्ज न कराने वाले शिक्षकों का वेतन कटेगा।
नए सत्र में ई-अटेंडेंस लागू करने की योजना
जून माह के प्रशिक्षण के बाद नए शैक्षणिक सत्र से सार्थक एप के माध्यम से ई-अटेंडेंस पूरी तरह से लागू किया जाएगा। इस दौरान सभी शिक्षकों को निर्देशों का पालन करते हुए चेहरे की पहचान कर उपस्थिति दर्ज करवानी होगी।
जिले में लगभग 9000 से अधिक शिक्षक हैं, जिन्हें वरिष्ठ कार्यालय के आदेशों के अनुसार इस नए सिस्टम को अपनाना होगा। यह व्यवस्था शिक्षकों की उपस्थिति की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है, जिससे शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी और गैरहाजिरी पर नियंत्रण मिलेगा।