UP Outsource Employee Salary Latest News : आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार ने ₹18,000 का न्यूनतम मानदेय निर्धारित किया है। इस संबंध में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव से मुलाकात की, जहाँ उन्होंने सुझाव दिया कि कर्मचारियों को मिलने वाला भुगतान सेवा प्रदाता एजेंसियों के बजाय निगम के माध्यम से किया जाना चाहिए। इससे कर्मचारियों के जीवन में सुधार की उम्मीदें बढ़ेंगी। 1 जुलाई के बाद, लाखों कर्मचारी इस नये मानदेय के क्रियान्वयन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह राशि कब उनके खातों में आएगी, लेकिन सरकार इस मुद्दे पर अपडेट जारी करने की तैयारी कर रही है। UP Outsource Employee Salary को लेकर ताजा अपडेट क्या आइये जानते हैं।
यूपी के राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव से इस संदर्भ में भेंट की है। उन्होंने अनुरोध किया है कि भुगतान सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से न करने की आवश्यकता है, बल्कि निगम के माध्यम से किया जाना चाहिए ताकि कर्मचारियों के जीवन में सुधार संभव हो सके।
1 जुलाई गुजर चुकी है, और प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को आशा है कि उनके खाते में 18000 रुपये आने लगेंगे, लेकिन कब आएंगे इस संबंध में अब तक कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है। सरकार ने कहा कि अब आउटसोर्स कर्मचारियों के मानदेय को बढ़ाने पर विचार होना चाहिए। इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा। कल गुरुवार 3 जुलाई को कैबिनेट की बैठक है, जिसमें संविदा कर्मचारियों के भविष्य पर चर्चा की जाएगी।
आउटसोर्स कर्मचारी निगम के गठन की तैयारी
उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारी निगम के गठन की औपचारिकताएँ लगभग पूरी हो चुकी हैं। जल्द ही इसका कैबिनेट से अनुमोदन होने की संभावना है। इस निगम के तहत आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम 18000 रुपये मानदेय दिए जाने का प्रस्ताव है। मानदेय केवल सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से प्रदान किया जाएगा।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की जानकारी
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने बताया कि उन्होंने 22 मई को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद से भेंट की। इस भेंट के दौरान उन्होंने बताया कि शासन के परामर्शदाता विभागों, वित्त, कार्मिक, और न्याय विभाग ने आउटसोर्स कर्मियों के मानदेय के भुगतान की पूर्व व्यवस्था को यथावत बनाए रखने का प्रस्ताव रखा है। इससे आउटसोर्स कर्मचारियों को लाभ मिलेगा और उनकी स्थिति सुधरेगी। कहा कि हमारी मांग है कि मानदेय के भुगतान की प्रक्रिया सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से न करने की आवश्यकता है, बल्कि निगम के माध्यम से ही किया जाना चाहिए। क्योंकि सेवा प्रदाता एजेंसियों के शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए ही आउटसोर्स कर्मचारी निगम की स्थापना की जा रही है। परिषद की महामंत्री अरुणा शुक्ला ने बताया कि संजय प्रसाद ने हमारे द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है।