UPS Good News: केंद्र सरकार ने 20 साल पहले पुरानी पेंशन प्रणाली को समाप्त कर राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) की शुरुआत की थी। एनपीएस का उद्देश्य कर्मचारियों के लिए एक आत्मनिर्भर भविष्य का निर्माण करना था, लेकिन इस योजना के लागू होने के बाद से ही कई कर्मचारी इसके विरोध में उतर आए। उनका आरोप था कि एनपीएस उनके लिए आर्थिक सुरक्षा का पर्याप्त साधन नहीं है। पिछले वर्ष 2024 में, सरकार ने एक नई गारंटी वाली पेंशन योजना, यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) की घोषणा की। यह योजना पहले केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू की गई थी और इसके तहत कर्मचारियों को सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन मिलेगी। हाल ही में, एक और राज्य ने भी यूपीएस को लागू करने की घोषणा की है, जिससे कर्मचारियों को इस स्कीम का लाभ मिलने की संभावना बढ़ गई है। इस कदम से कर्मचारियों में अपेक्षा जागी है कि उनकी भविष्य की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी और एक स्थिर पेंशन का प्रावधान होगा।
2 लाख सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा मिलेगी गारंटी के साथ पेंशन
हरियाणा सरकार ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है कि उनके राज्य के लगभग 2 लाख सरकारी कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) चुनने का विकल्प दिया जाएगा। यह फैसला मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में किया गया है और यह योजना 1 अगस्त, 2025 से लागू होगी। इसका अर्थ है कि राज्य के कर्मचारी 1 अगस्त के बाद यूपीएस का चयन कर सकेंगे, और उनका अब तक एनपीएस में किया गया योगदान यूपीएस में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
गारंटी वाली पेंशन का लाभ
यह प्रक्रिया उन दो लाख से अधिक राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए फायदेमंद होगी, जिन्होंने 1 जनवरी, 2006 या उसके बाद अपनी नौकरी शुरू की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को एक सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन और पारिवारिक पेंशन प्रदान करना है। जब कोई कर्मचारी यूपीएस अपनाता है, तो उसे अपनी सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में दिया जाएगा, बशर्ते उसने 25 साल की सेवा पूरी की हो।
सेवा के अनुसार पेंशन
यूपीएस में पेंशन की राशि कर्मचारियों की सेवा अवधि पर निर्भर करेगी। यदि कोई कर्मचारी 10 या उससे अधिक वर्षों की सेवा पूरी करता है और फिर सेवानिवृत्त होता है, तो उसे प्रति माह न्यूनतम 10,000 रुपये की पेंशन मिलती है। वहीं, यदि किसी कर्मचारी ने 25 साल या उससे अधिक की सेवा पूरी की है, तो उन्हें 50% पेंशन दी जाएगी। इसके अलावा, यदि पेंशनभोगी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को मृतक द्वारा प्राप्त अंतिम पेंशन राशि का 60% दिया जाएगा।
महंगाई राहत का प्रावधान
महंगाई राहत (डीआर) का प्रावधान भी सुनिश्चित पेंशन और पारिवारिक पेंशन दोनों पर लागू होगा। महंगाई राहत की गणना सेवारत कर्मचारियों पर लागू महंगाई भत्ते (डीए) के समान की जाएगी। परन्तु, यह केवल तभी लागू होगी जब पेंशन का भुगतान शुरू किया जाएगा। इसका अर्थ यह हुआ कि रिटायर कर्मचारियों के साथ-साथ उनके परिवार को भी महंगाई राहत का लाभ मिलेगा।
रिटायरमेंट पर एकमुश्त भुगतान
सेवानिवृत्त समय पर कर्मचारियों को एक निश्चित एकमुश्त भुगतान भी मिलेगा। यह भुगतान उनके सेवा के हर छह महीने के लिए मासिक वेतन (मूल वेतन और डीए) का 10% होगा। इस प्रकार, एक कर्मचारी के सेवाकाल के दौरान हर छह महीने में जो वेतन मिलेगा, उसके 10% एकमुश्त राशि के लिए जोड़ दिया जाएगा, जो रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को दी जाएगी। यह एकमुश्त राशि सुनिश्चित पेंशन भुगतान को प्रभावित नहीं करेगी।
इस प्रकार, हरियाणा सरकार का यह निर्णय सरकारी कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है और यह उन्हें उनके भविष्य के लिए एक सुरक्षित वित्तीय आधार प्रदान करेगा।