MP Teacher News : उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों मे शिक्षकों की उपस्थिति को ट्रैक करने के लिए सार्थक ऐप को लागू किया है, लेकिन अब यह एक नई चुनौती के रूप में सामने आ रहा है। एक तरफ विभाग इस ऐप के माध्यम से उपस्थिति को अनिवार्य कर रहा है और इसके लिए गाइडलाइनों का पालन करने के निर्देश दे रहा है, वहीं दूसरी तरफ, कुछ अधिकारी और कर्मचारी इसे चालाकी से circumvent करने की कोशिश कर रहे हैं।
हाल ही में, संभागायुक्त और उच्च शिक्षा के अतिरिक्त संचालक कार्यालय को कई शिकायतें मिली है, जिनमें कहा गया है कि इस ऐप का दुरुपयोग हो रहा है। शिकायतों के अनुसार, एक ही मोबाइल फोन से कई शिक्षकों की उपस्थिति के वीडियो अपलोड किए जा रहे हैं। खासकर, ग्रामीण क्षेत्रों में कई कॉलेजों से इस प्रकार की अनियमितताएँ अधिक मात्रा में सामने आ रही हैं।
ऐप का दुरुपयोग शिकायतें और कार्रवाई
सीधी जिले के खड्डी कॉलेज से प्राप्त एक हालिया शिकायत के बाद, रीवा और अन्य जिलों से भी ऐसे आरोप सामने आए हैं। अब विभाग ने रीवा सहित प्रदेश के सभी जिलों से सार्थक ऐप पर दर्ज उपस्थिति का परीक्षण कराने के निर्देश दिए हैं। शिकायतें यह बताती हैं कि प्रोफेसर, कर्मचारी, और अतिथि विद्वान एक ही मोबाइल में अन्य शिक्षकों के पुराने वीडियो अपलोड कर उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं।
हालांकि यह तकनीकी रूप से संभव लगता है, लेकिन व्यावहारिकता में यह सही उपस्थिति को प्रमाणित नहीं कर रहा है। कई कर्मचारी होते हुए भी मुख्यालय में नहीं रहते हैं, और फिर भी उनकी उपस्थिति दर्ज हो रही है। विभाग इन अनियमितताओं को रोकने के लिए जियो-फेसिंग, डिवाइस लॉकिंग और लाइव ट्रैकिंग जैसे उपायों पर विचार कर रहा है।
सार्थक ऐप का उद्देश्य
इस ऐप का मुख्य उद्देश्य वास्तविक उपस्थिति को सुनिश्चित करना है। इसके माध्यम से शिक्षकों को उपस्थिति के लिए लाइव वीडियो रिकॉर्ड करना होता है, जिसमें उन्हें अपना चेहरा और स्थान दिखाना पड़ता है। लेकिन अब इस तकनीक का दुरुपयोग करके इसे कमजोर किया जा रहा है। कई कर्मचारी कॉलेजों में बेहतर उपस्थिति दिखाने के लिए आंखों की ब्लिंकिंग जैसी तकनीकों का सहारा ले रहे हैं और जब वे कॉलेज नहीं जाते, तो उनके साथी उस वीडियो को अपलोड कर देते हैं।
हालिया कार्रवाई
सागर जिले के रहली कॉलेज में फर्जी उपस्थिति दर्ज करने का मामला हाल ही में उजागर हुआ है। उच्च शिक्षा आयुक्त ने इस पर कार्रवाई करते हुए छह अतिथि विद्वानों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। इसी तरह का एक मामला सीधी जिले के खड्डी कॉलेज में भी सामने आया है, जिसकी गहन जांच की जा रही है।
कलेक्टर के पास पहुंचाए जाएंगे डाटा
उच्च शिक्षा आयुक्त ने आदेश दिया है कि सभी जिलों के कलेक्टर के पास भी सार्थक ऐप की उपस्थिति रिपोर्ट पेश की जाएगी। जरूरत पड़ने पर कलेक्टर आकस्मिक परीक्षण कर सकेंगे। हर सप्ताह की उपस्थिति रिपोर्ट कलेक्टर और संभागायुक्त के पास जाएगी, ताकि वे क्षेत्र भ्रमण के दौरान कॉलेजों की उपस्थिति का परीक्षण कर सकें और पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार कर सकें।