
UP Teachar Pension Good News : उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में 30 दिसंबर 2000 से पहले नियुक्त किए गए लगभग 1081 तदर्थ शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन का रास्ता अब साफ हो गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 22 मार्च 2016 को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया था, जिसके तहत विनियमित हुए शिक्षकों की तदर्थ सेवाओं को जोड़ते हुए उन्हें पुरानी पेंशन, साथ ही सभी चयन और प्रोन्नत वेतनमान का लाभ देने का आदेश दिया था।
हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को खारिज कर दिया, जिससे हाईकोर्ट का आदेश बरकरार रहा। असल में, प्रदेश सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसे 16 जून को खारिज कर दिया गया था।
इस मामले में शैक्षिक अधिकारियों ने यह भी कहा था कि 30 दिसंबर 2000 तक नियुक्त सभी तदर्थ शिक्षकों को विनियमित करने की प्रक्रिया पर विचार किया जाएगा। लेकिन, यह आदेश नजरअंदाज करते हुए अधिकारियों ने 9 नवंबर 2023 को इन शिक्षकों की सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया था। इसके खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने 9 नवंबर 2023 का आदेश अवैध मानते हुए उसे निरस्त कर दिया।
इसके अलावा, सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में केवल ऑनलाइन तबादलों की प्रक्रिया अपना ली जाएगी। हमेशा की तरह, इस साल भी ऑफलाइन आवेदन को लेकर विवाद बढ़ते हुए अधिकारियों ने निर्णय लिया है कि ऑफलाइन प्रक्रिया को समाप्त किया जाएगा। शासनादेश में कहा गया था कि जो लगभग एक हजार शिक्षक छह जून तक निदेशालय में ऑफलाइन आवेदन कर चुके हैं, उनके मामलों पर नियमानुसार विचार किया जाएगा।
इस प्रकार, प्रदेश के तदर्थ शिक्षकों के लिए स्थिति में सुधार की उम्मीद जगी है और नई प्रक्रिया से स्थिति और बेहतर होने की संभावना है।