DA Hike Good News : 1 जुलाई से डीए दरों में संशोधन की संभावना जताई जा रही है सरकार पहले ही 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा यहां पर कर चुका है इसकी अनुशंसाएं पहली जनवरी 2026 से अमल में लाई जाने वाली है हालांकि अब तक आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की तैनाती नहीं की जा सकती है लेकिन बिहार राज्य के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी को।लेकर एक बड़ी और राहत भरी खबर यहां पर निकाल कर आ रही है आईए जानते हैं इसे जरूरी पूरी जानकारी।
बिहार डीए हाईक को लेकर कर्मचारियों को मिला बड़ा तोहफा
सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में इस वर्ष एक बार फिर इजाफा होने जा रहा है यह बढ़ोतरी पहली जुलाई से लागू मानी जा रही है जिसकी दर 2 से 3 प्रतिशत के बीच रहे सकती है फिलहाल ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि यह वृद्धि 7वें वेतन आयोग के अनुसार अंतिम बार की जाएगी क्योंकि अगले वर्ष की शुरुआत में 8वें वेतन आयोग की सिफारिश से लागू होने की उम्मीदें हैं जानकारी के लिए बताते चलें बिहार में कार्यरत सरकारी कर्मियों को वर्तमान में 7वें वेतन आयोग के लाभ प्राप्त हो रहे हैं और वह भी केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तरह 8वें वेतन आयोग की सिफारिश का यहां पर इंतजार कर रहे हैं।
जानकारी के लिए बता दे 16 जनवरी को केंद्र सरकार ने आठवीं वेतन आयोग की और से मंजूरी प्रदान कर दी गई थी लेकिन अब तक आयोग का गठन नहीं किया गया है हालांकि इसके सुझाव अगले वर्ष की पहली जनवरी से लागू होने की संभावना बनी हुई है जब केंद्रीय स्तर पर नया वेतन ढांचा लागू हो जाएगा तब राज्य से भी इसे स्वीकार करने का अनुरोध किया जाएगा राज्य सरकारें अपनी आर्थिक स्थिति और बजट की सीमाओं के अनुरूप इस पर फैसला लेंगी बिहार में वित्तीय प्रणाली और राजकोषीय अनुशासन को लेकर अक्सर केंद्र की नीतियों का पालन किया जाता रहा है ऐसे में यह लगभग तय माना जा सकता है कि यहां के सरकारी कर्मचारियों को भी कुछ समय बाद 8वें वेतन आयोग का लाभ प्राप्त होने वाला है उल्लेखनीय है कि 1 अप्रैल 2017 से बिहार के सरकारी कर्मचारियों को कुछ कटौती के साथ सातवें वेतन आयोग का लाभ उपलब्ध करवाया जा रहा है।
महंगाई के आंकड़ों पर आधारित डीए
आपको बता दें पिछली बार महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई थी इसके चलते जनवरी 2025 से डीए की दर 55% तक चली गई थी उसे समय 3% वृद्धि का अंदाजा लगाया गया था मगर अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के मुताबिक इसकी इजाजत नहीं दी गई थी और इन्ही आंकड़ों को आधार बनाकर डीए में संशोधन किया जा रहा है फिलहाल इस परिदृश्य में कोई बड़ा बदलाव यहां देखने को नहीं मिला है इसलिए यह उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी डीए में बढ़ोतरी की दर पिछले स्तर के आसपास ही बनी रह सकती है।